
मैं अपनी संस्कृति को
ठीक प्रकार से पालन करूं
यह मेरा दायित्व है।
सभी को गौरवपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है
वह अपने जीवन को अपनी
इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए स्वतंत्र है।
धर्म का चोला पहनकर
कोई अधर्म का कृत्य करेगा
वह चयनित किए जाएंगे
उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ।
कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं
हम उस संस्कृति को पूजने वाले हैं
जहां एक हाथ में माला तो
दूसरे हाथ में भाला भी रखते हैं। ।
जिन आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति को
तहस-नहस किया हमारी
बहन -बेटियों के साथ बुरा कृत्य किया
आज उनका महिमामंडन कर
उनको हीरो मानने वाले
समझ लें यह और अधिक नहीं चलेगा।
मैं किस संस्कृति को मानू , कैसे वस्त्र पहनू
यह पूर्णतः मेरे विचारों पर निर्भर करता है
कोई मुझे अन्यथा विवश नहीं कर सकता।
जो लोग सन्यासी बता कर शासन व्यवस्था से
मुझे दूर रहने की सलाह देते हैं
उन्हें पौराणिक ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए
पहले भी राजतंत्र में ऋषि मुनि और
महर्षियों का हस्तक्षेप रहा करता था।
एक योगी अपने मन के भीतर
किसी प्रकार की व्यक्तिगत
इच्छाशक्ति नहीं रखता
वह सदैव समाज के लिए सोचता है।
कानून से उस व्यक्ति को नहीं डरना चाहिए
जो कानून का पालन करता है
डरना उनको चाहिए
जो कानून का पालन नहीं करता है।
पुरानी परिपाटी को बदलने का अवसर आ गया है
अन्याय अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
न्याय के लिए हम मिलकर संघर्ष करेंगे।
एक सन्यासी का सर्वप्रथम कर्तव्य है
समाज को सभ्य और शिक्षित बनाए
तदोपरांत दुष्टों को सजा दे
मैं वही कर रहा हूं। ।
जो लोग वास्तविक पहचान को छुपाकर
भोली भाली माता-बहनों के साथ
छल कर रहे हैं
वह बर्दाश्त योग्य नहीं है
या तो वह सुधर जाएं या हम सुधार देंगे।
धार्मिक स्थलों के पास मांस का
व्यापार होता है तो उसे
प्रतिबंधित किया जाना चाहिए
यह धार्मिक भावनाओं का संरक्षण है।
जो व्यक्ति जिस भाषा में समझता है
उस भाषा में हमें
जवाब देना अच्छे से आता है।
प्रदेश की बंजर भूमि से भी
धन निकाला जा सकता है
प्रदेश में स्थापित होने वाली
कंपनियों को बंजर भूमि पर स्थापित करें।
जो मासूमों पर गोलियां चलाते हैं
वह अब सावधान रहें
सरकार बदल चुकी है
अपना व्यापार बंद कर ले
अन्यथा ठोक दिए जाएंगे।
पीढ़ियों से शासन व्यवस्था को अपने बापदादाओं की
संपत्ति समझने वाले या तो सुधर जाएं या परदेस छोड़ दें
कानून अब मजबूत हाथों में है अपना कार्य मजबूती से करेगी।
जो कुछ भी गलत है , उससे मिलकर दूर करना चाहिए
इसके लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की आवश्यकता है।
जब हम रामराज्य की कल्पना करते हैं
तो एक आदर्श समाज , भय मुक्त जीवन
सुखी संपन्न प्रदेश की संकल्पना
उभर कर आती है
आज हम राम राज्य के लिए कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्र की प्रगति के लिए प्रत्येक की
भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए
राष्ट्र सबका है
इसमें योगदान सभी को करना चाहिए।
विदेशी लुटेरों और आक्रांताओं के नाम पर
स्थल-इमारत-सड़क का नाम रख कर
क्या शासन हमारी
सहनशीलता की परीक्षा लेना चाहता है।
भारत की भूमि महान ऋषियों तपस्वियों और योद्धाओं की है
कोई भी उनके विचारों उनके आदर्शों को बदलने की
चेष्टा करेगा यह समाज उसको कभी स्वीकार नहीं करेगा।
मैं संस्कृति और साहित्य का विरोध
नहीं करता
मेरा विरोध आतंकवाद के लिए है।
सन्यासी होने का यह अभिप्राय कतई नहीं है
कि वह समाज के लिए कुछ ना करें
बल्कि उसका कर्तव्य और बढ़ जाता है
कि वह समाज का अनिष्ट करने वाले
दुष्टों को उनके ठीक स्थान पर पहुंचाए।
मैं एक सन्यासी हूं
एक सच्चा सन्यासी ही
सच बोलने का साहस कर सकता है।
सभी की संस्कृति का अपना महत्व है
उसे मानना चाहिए किंतु
कुर्बानी के नाम पर जो खुलेआम
रक्तपात किया जाता है
यह धर्म के नाम पर
स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हम लोग केवल उन लोगों को रोकना चाहते हैं, जो लोग देश को रोकना चाहते हैं, फिर वह चाहे जिस जाति का हो.
मैं एक खुली किताब हूँ, इस किताब को कोई भी इन्सान पढ़ सकता है.
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